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दूरियों में भी.. हाथ तभी छुटते है जब पकड़ ढ़ीली हो

दूरियों में भी..

हाथ तभी छुटते है जब पकड़ ढ़ीली हो जाती है
रिश्तें तभी टूटते है जब भावनाएं मैली हो जाती है

बात का होना न होना मायने नही रखता उतना
विश्वास का ना होना मायने रखता हो जितना

दूरियों में भी पाकीजा मोहब्बत खूब महकती है 
रुह से जुड़े अहसासों में जिंदगी खूब पनपती है

जिंदगी वैसे भी किसीका तकदीर नही बदलती
पसंदीदा साथी के बगैर कभी चाहत नही चहकती

चले जाना ही है सभी को रुसवाँ करके कभी ना कभी
 दुःख दर्द हर किसीको बाटा नही करते सभी के सभी.....

मी माझी.....

©Sangeeta Kalbhor #CityWinter दूरियों में भी..

हाथ तभी छुटते है जब पकड़ ढ़ीली हो जाती है
रिश्तें तभी टूटते है जब भावनाएं मैली हो जाती है

बात का होना न होना मायने नही रखता उतना
विश्वास का ना होना मायने रखता हो जितना
दूरियों में भी..

हाथ तभी छुटते है जब पकड़ ढ़ीली हो जाती है
रिश्तें तभी टूटते है जब भावनाएं मैली हो जाती है

बात का होना न होना मायने नही रखता उतना
विश्वास का ना होना मायने रखता हो जितना

दूरियों में भी पाकीजा मोहब्बत खूब महकती है 
रुह से जुड़े अहसासों में जिंदगी खूब पनपती है

जिंदगी वैसे भी किसीका तकदीर नही बदलती
पसंदीदा साथी के बगैर कभी चाहत नही चहकती

चले जाना ही है सभी को रुसवाँ करके कभी ना कभी
 दुःख दर्द हर किसीको बाटा नही करते सभी के सभी.....

मी माझी.....

©Sangeeta Kalbhor #CityWinter दूरियों में भी..

हाथ तभी छुटते है जब पकड़ ढ़ीली हो जाती है
रिश्तें तभी टूटते है जब भावनाएं मैली हो जाती है

बात का होना न होना मायने नही रखता उतना
विश्वास का ना होना मायने रखता हो जितना

#CityWinter दूरियों में भी.. हाथ तभी छुटते है जब पकड़ ढ़ीली हो जाती है रिश्तें तभी टूटते है जब भावनाएं मैली हो जाती है बात का होना न होना मायने नही रखता उतना विश्वास का ना होना मायने रखता हो जितना #शायरी