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बरसों मिन्नते मांगी हैं, तब जाके ये स्वीकार हुआ! आ

बरसों मिन्नते मांगी हैं, तब जाके ये स्वीकार हुआ!
आज हक़ से तुम पर मानो मेरा यूँ अधिकार हुआ!!
तपा हूँ तन्हाई में, पल -पल मै बेक़रार हुआ!
माँगा दुआओं में सदा तुमको,अब जाके स्वप्न साकार हुआ!!
करूँ सुक्रिया आज रब तेरा, यार.. में.. तेरा दीदार हुआ!
अब नहीं बाक़ी ख्वाहिश जीवन में!
खतम अब तम्मनाओं का बाजार हुआ!!

©Faniyal
  #velentine_special