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मैं पागल बातें दिल को लगा बैठा, जो नहीं करती प्या

मैं पागल बातें दिल को लगा बैठा,
 जो नहीं करती प्यार मुझे,
उसके लिए मैं खुद को मुका बैठा।

नैन ज्योति की सूरत, 
भागी मेरे नैनो को, 
रोग इश्क का ला लिया हमने।
 बहुत बचाना चाहा, 
मोहब्बत से दिल को संगरूरवी,
 दिल मेरे को यादों ने खा लिया।
 रोग इश्क का लगाकर,
अब पछताते हैं।
नयन ज्योति से बिछड़ कर,
 कर याद उसे रहते गाते हैं।
 इश्क में उस उसके,
 पागल, आवारा आखिर हो गया। 
बादशाह था जो कभी संगरूरवी, 
इश्क में उसके फकीर हो गया।

©Sarbjit sangrurvi मैं पागल बातें दिल को लगा बैठा,
 जो नहीं करती प्यार मुझे,
उसके लिए मैं खुद को मुका बैठा।

नैन ज्योति की सूरत, 
भागी मेरे नैनो को, 
रोग इश्क का ला लिया हमने।
 बहुत बचाना चाहा,
मैं पागल बातें दिल को लगा बैठा,
 जो नहीं करती प्यार मुझे,
उसके लिए मैं खुद को मुका बैठा।

नैन ज्योति की सूरत, 
भागी मेरे नैनो को, 
रोग इश्क का ला लिया हमने।
 बहुत बचाना चाहा, 
मोहब्बत से दिल को संगरूरवी,
 दिल मेरे को यादों ने खा लिया।
 रोग इश्क का लगाकर,
अब पछताते हैं।
नयन ज्योति से बिछड़ कर,
 कर याद उसे रहते गाते हैं।
 इश्क में उस उसके,
 पागल, आवारा आखिर हो गया। 
बादशाह था जो कभी संगरूरवी, 
इश्क में उसके फकीर हो गया।

©Sarbjit sangrurvi मैं पागल बातें दिल को लगा बैठा,
 जो नहीं करती प्यार मुझे,
उसके लिए मैं खुद को मुका बैठा।

नैन ज्योति की सूरत, 
भागी मेरे नैनो को, 
रोग इश्क का ला लिया हमने।
 बहुत बचाना चाहा,

मैं पागल बातें दिल को लगा बैठा, जो नहीं करती प्यार मुझे, उसके लिए मैं खुद को मुका बैठा। नैन ज्योति की सूरत, भागी मेरे नैनो को, रोग इश्क का ला लिया हमने। बहुत बचाना चाहा, #MusicLove #ਜੀਵਨ