एक चरक सी है इस कायल मन में एक हिचक सी है धड़कन में एक लचक सी है दिल की सीवन में एक चुभन सी है इस पागलपन में तेरे होने-न होने का है शायद मलाल सांसें चल रही हैं फ़िलहाल बीत रहा है एक और साल हलकी सी बिखर रही है चाँदनी तेरी ड्योढ़ी के सामने से खुली आँखें कर रही ख्वाबों की पैरवी मेरे दीवान के सिरहाने से रात और करवटें #poetry #IncessantThoughts #Sleepless #YQBaba #QuoteSeries #CalmKaziWrites #YQDidi Click on #IshFAQ for more musings on Love.