सूरत से परियों की रानी लगती है। चलती फिरती एक कहानी लगती है। होठ हैं उसके या कमल की पंखुड़ियांँ, श्वेत वस्त्र में रात की रानी लगती है। नथुनी, झुमका या उसकी पायल देखूंँ, शरद पूर्णिमा चटक चांदनी लगती है। उसे रुक्मिणी या मीरा सदृश कहूंँ। कृष्ण प्रेमिका राधा रानी लगती है। #premi_मन #श्रृंगार_रस_मन #अनुप्रासअलंकार #मौर्यवंशी_मनीष_मन