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पतझड़ जैसे जीवन में जो सावन की तरह आते हैं बस मौसम

पतझड़ जैसे जीवन में जो सावन की तरह आते हैं 
बस मौसम की तरह ही वे लोग बदल जाते हैँ।
दुख किसका सगा है?खुशी कबतक टिकी है?
पर ये सुख दुख के सब पल ही लोगों की पहचान कराते हैं।

©शब्दकार निम्मी
  #tanha #लोग #फितरतन