लाग दिल की लगी है सुख़नवर, महफ़िलों में क्यूँ आते नहीं हो اا बात कुछ तो हुई है ख़बर है, हमसे कुछ भी बताते नहीं हो اا यूँ ख़ल्वत में कटती हैं रातें, अश्क़-बारां ये होना तुम्हारा, कुछ दिवाने हैं लोग भी तेरे, उनको क्यों तुम बुलाते नहीं हो اا वीरान दिल है ये तेरा, वीरान कमरा तुम्हारा, किवाड़े पे खुशियाँ खड़ी हैं, इसको क्यों तुम सजाते नहीं हो اا लाग दिल की लगी है सुख़नवर, महफ़िलों में क्यूँ आते नहीं हो اا सुख़नवर - कवि, ख़ल्वत - अकेलापन, अश्क़ बारां - आँसू से भरा होना #yqdidi #yqquotes #yqhindi #yqurdu #yqlove #yqtales #yqaestheticthoughts #yqduniya