ख्वाइशों का कोई तो ठिकाना होता होगा इस कायनात में जहां तुमको पाने की मेरी ख्वाइश अधूरी ना रहे क्यूंकि मैं थक चुका हूं मंदिर और मस्जिदों में तुम्हारे नाम की अर्जियां लगाते लगाते... ©Nikhil Kaushik #ख्वाइशों का कोई तो #ठिकाना होता होगा इस #कायनात में, #जहां तुमको पाने की मेरी #ख्वाइश #अधूरी ना रहे क्यूंकि मैं थक चुका हूं #मंदिर और #मस्जिदों में तुम्हारे नाम की #अर्जियां लगाते लगाते...