Nojoto: Largest Storytelling Platform

माना कि उसके बाप की औकात नहीं है उसके लिए हसीन काय

माना कि उसके बाप की औकात नहीं है
उसके लिए हसीन कायनात नही है

टूटे न दांत दूध के दिल में न ख्वाब है
जो हमसफ़र के मुंह में कोई दांत नहीं है

पत्थर का होगा दिल जो उसे सौप दिया है,
खुद जिंदगी का जिसको कोई आस नहीं है

दौलत को हक है ये कि वो कुछ भी खरीद ले
मजबूर है जिसकी कोई औकात नहीं है

क्या खेल हो रहा है उसे खुद नहीं पता,
अंजाम का उसे कोई एहसास नहीं है

वह बोझ थी जहां मैं तो भेजा ही क्यों बेखुद,
  या रब तेरे जहां में जब जज्बात नहीं है

©Sunil Kumar Maurya Bekhud
  # मजबूरी

# मजबूरी #शायरी

5,679 Views