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रात की चाँदनी से लेकर सुबह का ख्वाब लिखता हूं पेच


रात की चाँदनी से लेकर सुबह का ख्वाब लिखता हूं
पेचीदे सवालों से लेकर खूबसूरत सा जवाब लिखता हूं

कभी कलयुग तो कभी त्रेतायुग का संग्राम लिखता हूं
कभी ईद की ईदी तो कभी दिवाली की शाम लिखता हूं

रहमत-ए-खुदा से लेकर सतपुरुष श्री राम लिखता हूं
कोई मजहब नहीं लिखता हूं मैं पूरा आवाम लिखता हूं

माँ के प्यार से लेकर पिता की फटकार लिखता हूं
जो रहता है मेरे दिल में वही बात मैं हर बार लिखता हूं कभी इश्क तो कभी जाम लिखता हूं
कभी सहर तो कभी हसीन शाम लिखता हूं
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#yqdidi #नज्म़ #hindi #कविता #चाँद #1909avinash

रात की चाँदनी से लेकर सुबह का ख्वाब लिखता हूं
पेचीदे सवालों से लेकर खूबसूरत सा जवाब लिखता हूं

कभी कलयुग तो कभी त्रेतायुग का संग्राम लिखता हूं
कभी ईद की ईदी तो कभी दिवाली की शाम लिखता हूं

रहमत-ए-खुदा से लेकर सतपुरुष श्री राम लिखता हूं
कोई मजहब नहीं लिखता हूं मैं पूरा आवाम लिखता हूं

माँ के प्यार से लेकर पिता की फटकार लिखता हूं
जो रहता है मेरे दिल में वही बात मैं हर बार लिखता हूं कभी इश्क तो कभी जाम लिखता हूं
कभी सहर तो कभी हसीन शाम लिखता हूं
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#yqdidi #नज्म़ #hindi #कविता #चाँद #1909avinash

कभी इश्क तो कभी जाम लिखता हूं कभी सहर तो कभी हसीन शाम लिखता हूं . #yqdidi #नज्म़ #Hindi #कविता #चाँद #1909avinash