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सख्त पत्थरों से धोखा खा गए पानी बन बहते रहे हम बेह

सख्त पत्थरों से धोखा खा गए पानी बन बहते रहे हम
बेहिसाब की कोशिशें नजर में उसकी फिर भी रहे कम
 मुमकिन नहीं है मंजिल फिर भी लगन होती नहीं कम
बबली भाटी बैसला

©Babli BhatiBaisla
  मंजिल

मंजिल #शायरी

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