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कभी जो मिलोगे, न शिकवा करेंगे। सलामत रहो ये दुआ हम

कभी जो मिलोगे, न शिकवा करेंगे।
सलामत रहो ये दुआ हम करेंगे।
तेरी यादें हैं अब जीने की खातिर,
बहाने बहुत,मुस्कुराने की खातिर।
हंसी में गमों को छुपाते रहेंगे...कभी जो ...।
चाहा तुम्हें चाहते ही रहेंगे,
जुबां पे तेरा नाम अब तो न होंगे।
उल्फत की रस्में निभाते रहेंगे...कभी जो...।
मुझे गम मुबारक, तुम्हें हर खुशी हो,
रौशन, हंसी तेरी जिन्दगी हो।
अंधेरों से अब दोस्ती हम करेंगे...।
कभी जो मिलोगे, न शिकवा करेंगे।
सलामत रहो ये दुआ हम करेंगे ।

©नागेंद्र किशोर सिंह
  # कभी जो मिलोगे
6/11/22