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ज़माना कुछ भी कहे , उसका एहतेराम ना कर। जिसे ज़मीर न

ज़माना कुछ भी कहे ,
उसका एहतेराम ना कर।
जिसे ज़मीर ना माने ,
उसे सलाम ना कर!
 सोच समज के वोट करना ये मोका पाच साल में एक ही बार मिलता है।
ज़माना कुछ भी कहे ,
उसका एहतेराम ना कर।
जिसे ज़मीर ना माने ,
उसे सलाम ना कर!
 सोच समज के वोट करना ये मोका पाच साल में एक ही बार मिलता है।