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वाक्त मैं अनंत हूं नश्वर हूं जीव और अजीव हूं किस

वाक्त
मैं अनंत हूं नश्वर हूं 
जीव और अजीव हूं 
किसी के लिए वरदान हूं 
किसी के लिए अभिशाप हूं
 हवा थम सकती है 
नदी थम सकती है
 पर मैं नहीं  थम सकता 
 निरंतर चलना मेरा कर्म है 
किसी के लिए उल्लास हूं 
किसी के लिए गम हूं 
किसी के लिए आगमन हूं 
किसी के लिए गमन हूं 
कोई कहता मैं तेज हूं 
कोई कहता मैं धीमें हूं 
जीवन हो या मृत्यु
 दनो ही  साथ गुजरते हैं 
मैं थमा, तो जीवन थमा,
 ब्रह्मांड थमा 
मैंने न कभी जन्मा 
न कभी मृत्यु आती 
कभी वक्त कभी काल
 कभी समय कभी वेला ,
है नाम अनेक मेरे।

©Shubham Pal #Nojoto #time #वक्त #कविता #poem #Poetry #Shayar #Shayari
#alonesoul #unpluggedpoetry
वाक्त
मैं अनंत हूं नश्वर हूं 
जीव और अजीव हूं 
किसी के लिए वरदान हूं 
किसी के लिए अभिशाप हूं
 हवा थम सकती है 
नदी थम सकती है
 पर मैं नहीं  थम सकता 
 निरंतर चलना मेरा कर्म है 
किसी के लिए उल्लास हूं 
किसी के लिए गम हूं 
किसी के लिए आगमन हूं 
किसी के लिए गमन हूं 
कोई कहता मैं तेज हूं 
कोई कहता मैं धीमें हूं 
जीवन हो या मृत्यु
 दनो ही  साथ गुजरते हैं 
मैं थमा, तो जीवन थमा,
 ब्रह्मांड थमा 
मैंने न कभी जन्मा 
न कभी मृत्यु आती 
कभी वक्त कभी काल
 कभी समय कभी वेला ,
है नाम अनेक मेरे।

©Shubham Pal #Nojoto #time #वक्त #कविता #poem #Poetry #Shayar #Shayari
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