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मंज़िल को पाने की तड़प मुझको मेहनत करने को मजबूर

मंज़िल को पाने की तड़प 
मुझको मेहनत करने को 
मजबूर किया 
हर मजबूरियों से संघर्ष करके 
आगे बढ़ता गया
रास्तों में कांटे भरे थे 
पैरों में जो चुभ रहे थे 
फिर भी हिम्मत बढ़ता गया 
मंज़िल मेरे नज़दीक आता गया

©Prabhat Kumar
  #प्रभात