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बेख़ुदी में फिसलना ज़रुरी लगा। होश आते सँभल

बेख़ुदी  में   फिसलना   ज़रुरी  लगा।
होश  आते   सँभलना  ज़रूरी  लगा।।

पुरख़तर जब लगीं दिल की राहें  हमें।
रास्तों   को  बदलना   ज़रूरी    लगा।।

ओट होने लगा चाँद खिड़की से जब।
हमको छत पर टहलना  ज़रूरी लगा।।

छूट  जाएं  न   पीछे   कहीं  इसलिए।
दौर-ए-दुनिया पे चलना ज़रूरी लगा।।

वो हज़र दिल लिए फिर रहे  बज़्म में।
हमको  शीशे  में ढलना  ज़रूरी लगा।।

शाम ढलते  ढली  ज़िन्दगी  स्याह  में।
एक   दीपक को जलना ज़रूरी  लगा।।

झील में वो कमल की तरह जो खिलें।
बनके  शबनम  मचलना  ज़रूरी लगा।।

©Raj Guru
  #लगा  Pooja _Kumari_ 07 ।। Jaipur Queen Roshni ।। (official) Mamta Verma poonam atrey Anshu writer  Sethi Ji N.B.S , liker boy Subhash Chandra SAUD ALAM Ambika Mallik  sana naaz SUNANDA Heena Anupriya Chanda