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ना उतारो नज़र हमारी, के हमको उनकी नज़र नही लगती, गुज

ना उतारो नज़र हमारी, के हमको उनकी नज़र नही लगती,
गुजर जाते है वो पास से, और हमको कोई खबर नही लगती,
किसी दिन मिलेंगे, तो पूछेंगे उनसे,
के कोई भी ताबीज़, अब असर क्यो नही करती,
दूर रहने का लिख दो कलमा कोई, कुछ भी अगर, तुम हमारी
नही लगती,
#_अल्फ़ाज़_# #ताबीज़
ना उतारो नज़र हमारी, के हमको उनकी नज़र नही लगती,
गुजर जाते है वो पास से, और हमको कोई खबर नही लगती,
किसी दिन मिलेंगे, तो पूछेंगे उनसे,
के कोई भी ताबीज़, अब असर क्यो नही करती,
दूर रहने का लिख दो कलमा कोई, कुछ भी अगर, तुम हमारी
नही लगती,
#_अल्फ़ाज़_# #ताबीज़