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तेरी क्या पहचान है तू टूटा हुआ वो डाल है जिसका वृक

तेरी क्या पहचान है
तू टूटा हुआ वो डाल है
जिसका वृक्ष हिंदुस्तान है
तू ना भूल हिंदुस्तान से जन्मा
एक छोटा पकिस्तान है
बाप के सामने बेटे की
तू ही सोच क्या अवकात है 
तू नापाक जमी पे जन्मा 
एक छोटा सा मकान है
तेरी क्या हस्ती जो हमसे भिड़े
तू बुझ्दिल दिल का एक बड़ा दूकान है
जब पीठ पे वॉर हुआ
वहाँ तेरा ही नाम है 
तू कायरता का एक बड़ा
जहाँ में मिशाल है
हर देश के दिल में नफ़रत तुझसे
तू ऐसा मेहमान है तेरी क्या पहचान है
तू टूटा हुआ वो डाल है
जिसका वृक्ष हिंदुस्तान है
तू ना भूल हिंदुस्तान से जन्मा
एक छोटा पकिस्तान है
बाप के सामने बेटे की
तू ही सोच क्या अवकात है 
तू नापाक जमी पे जन्मा
तेरी क्या पहचान है
तू टूटा हुआ वो डाल है
जिसका वृक्ष हिंदुस्तान है
तू ना भूल हिंदुस्तान से जन्मा
एक छोटा पकिस्तान है
बाप के सामने बेटे की
तू ही सोच क्या अवकात है 
तू नापाक जमी पे जन्मा 
एक छोटा सा मकान है
तेरी क्या हस्ती जो हमसे भिड़े
तू बुझ्दिल दिल का एक बड़ा दूकान है
जब पीठ पे वॉर हुआ
वहाँ तेरा ही नाम है 
तू कायरता का एक बड़ा
जहाँ में मिशाल है
हर देश के दिल में नफ़रत तुझसे
तू ऐसा मेहमान है तेरी क्या पहचान है
तू टूटा हुआ वो डाल है
जिसका वृक्ष हिंदुस्तान है
तू ना भूल हिंदुस्तान से जन्मा
एक छोटा पकिस्तान है
बाप के सामने बेटे की
तू ही सोच क्या अवकात है 
तू नापाक जमी पे जन्मा
vivekkaushik2355

Kaushik

New Creator

तेरी क्या पहचान है तू टूटा हुआ वो डाल है जिसका वृक्ष हिंदुस्तान है तू ना भूल हिंदुस्तान से जन्मा एक छोटा पकिस्तान है बाप के सामने बेटे की तू ही सोच क्या अवकात है तू नापाक जमी पे जन्मा #Hindi #poem #feather