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आज रात आसमाँ का चाँद भी शरमा रहा होगा । मुझे दे




आज रात आसमाँ का चाँद भी शरमा रहा होगा ।
मुझे देखकर अपना चेहरा छुपा रहा होगा ॥
चाँद से खुश नसीब तो में हुं । 
यह किस्सा अपनी  चांदनी को मेरी हसीन चांदनी से जल कर सुना रहा होगा ॥
यह देखकर मुझे अपना रकीब समझ कर  गुरे जा रहा होगा।
अरसो बाद की लम्बी जुदाई सह कर मिलन हुआ है मेरा सनम से ।
हमें देखकर हर सितारा गीत खुशी के गा रहा होगा ॥
 ऐ चाँद मेरी महबूबा की चेहरे की मुस्कान लौटा दे।
मुझसे बिछुड़ जाने की फिक्र में बेवजह  उदास महबूब हो रहा होगा ॥

©Shakuntala Sharma
  # चाँद की चाँदनी को देखकर

# चाँद की चाँदनी को देखकर #शायरी

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