यह रात यह रात ना जाने कितनो के जज़्बातो को छूपाऐ बैठी है, अपने अंधेरे में कितनो के आँसूओ को दबाऐ बैठी है। ईसकी खामोशी ना जाने कितने टूटे दिलो में आग सुलगाऐ बैठी है, और अपने अकेलेपन से यह ना जाने मुझ जैसे कितनो को मिलाऐ बैठी है। #Raat #nojoto #nojotodaily #hindipoem #hindikavita #followme #dailypoems #deep #nojotopoetry #nojotokavita