निशा को देख चाँद रुक सा गया हैं, सारे सितारें छुप छुप देख रहे हैं इनकी गुफ़्फ़तगु, वक़्त सलीखे से बढ़ रहा हैं, निशा भोर मे और चाँद सूरज मे विलीन हो रहा हैं।। चाँद ओर निशा।।।।।। #निशा #रातकाअफ़साना #चाँद #शायरी #poetry #poetrycommunity #hkkhindipoetry #yourquotedidi