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में खूबसूरत हूँ ,मालूम है मुझे ,पर मुझसे खूबसूरत

में खूबसूरत हूँ ,मालूम है मुझे ,पर मुझसे खूबसूरत
 ये फ़िज़ाये है ,क्यों ? मुझ पर तुम फिदा हो, 
ये जवानी मेरी ढल जानी है, दिन दो चार ही है 
गिन कर, मेरी जवानी के,फिर काया मेरी  बदल जानी है,
पर ये फ़िज़ाएं वर्षो  से अपने यौवन को सजाये है
तुम देख लो, इनको जो एक बार नजरे उठाकर
फ़िर भूल जाओगे मुझको ऐसा इशक हो जायेगा
पहाड़ों की हँसी वादियों में, दिल तुम्हारा खो जायेगा.

©पथिक
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#Ye wadiyan# #शायरी

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