Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम्हारी आवाज गूँजता कानों में है, तुम्हारी क


   तुम्हारी आवाज गूँजता कानों में है,
 तुम्हारी कुहू कुहू का शोर सुनने को दिल बेचैन है...
  तुम्हारी आवाज के बगैर,
 लगता है यूँ 
जैसे हुआ नहीं भोर मेरे दिन का ..…
  जैसे हुआ नहीं भोर मेरे दिन का ,
  खिड़कियों के खुलते ही आती नहीं अब सिंदूरी धूप,
   चाय की ख़ुशबू अब जगाती नहीं, 
दिल के मंजर अब खिलते नहीं
   कैसे कहे निशीथ ,रस भरा है आखों में 
   नशा सा छा जाता था,
 तुम्हारी कूक सुनके कानों में......





#निशीथ

©Nisheeth pandey
  
   तुम्हारी आवाज गूँजता कानों में है,
 तुम्हारी कुहू कुहू का शोर सुनने को दिल बेचैन है...
  तुम्हारी आवाज के बगैर,
 लगता है यूँ 
जैसे हुआ नहीं भोर मेरे दिन का ..…
  जैसे हुआ नहीं भोर मेरे दिन का ,
  खिड़कियों के खुलते ही आती नहीं अब सिंदूरी धूप,

तुम्हारी आवाज गूँजता कानों में है, तुम्हारी कुहू कुहू का शोर सुनने को दिल बेचैन है... तुम्हारी आवाज के बगैर, लगता है यूँ जैसे हुआ नहीं भोर मेरे दिन का ..… जैसे हुआ नहीं भोर मेरे दिन का , खिड़कियों के खुलते ही आती नहीं अब सिंदूरी धूप, #lovequotes #कविता #lonelynight #streak #amirkhan #निशीथ #Nightlight #aliabhatt #humaurtum #NojotoStreak

1,449 Views