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एक लघु कथा यादों की गुल्लक को जब खंगाला तो उसमें

एक लघु कथा 
यादों की गुल्लक को जब खंगाला तो उसमें से अच्छी-बुरी, खट्टी-मीठी सभी 
यादें बाहर आ गई! बचपन से लेकर आज तक की सभी बातें आंखों के सामने 
आ गई! यूं लग रहा था मानो पूरी एक पिक्चर चल रही है। मेरी जीवन की एक 
छोटी-सी घटना आपको सुनाता हूं। आज से  करीबन  20 साल पहले जब मैं 
साइकिल चलाता था, तब घर पर आते समय कुछ ना कुछ खाने का सामान  
लाता। एक बार हमारे घर से 5 किलोमीटर दूर से मैने एक ठेले पर से ₹5
 की मूंगफली खरीदी। मैं मूंगफली लेकर घर पर आ गया। फिर मुझे याद 
आया मैंने उसे ₹5 नहीं दिये । मम्मी ने कहा कोई बात नहीं तू कल जाकर 
उसको पैसे दे आना। लेकिन मैंने सोचा वह बेचारा गरीब आदमी भगवान 
को कोसेगा कि वह लड़का बिना पैसे दिए मूंगफली लेकर चला गया और 
पता नहीं उसके मन में मेरे बारे में क्या-क्या ख्याल आएंगे। मैंने बिना देर किए 
फिर से साइकल उठाई और उसे पैसे देने चला गया । पैसे देते समय मैने उन्हें 
कहा अंकल आप को ध्यान रखना चाहिए था पैसे का! मेरी तरह सभी ग्राहक 
नहीं होते, जो फिर से पैसा देने आएंगे । तो वे बोले कोई बात नहीं मुझे तो ऊपर 
वाले पर पूरा भरोसा है कि मेरी मेहनत का मुझे मिल ही जाएगा।  आप देने  
आये आपकी बड़ी मेहरबानी बेटा। मुझे उनकी यह बात बहुत ही अच्छी 
लगी।  तब से मेरी भी ईश्वर में आस्था दोगुनी हो गई ।

©SumitGaurav2005 #trust #story #laghukatha #लघुकथा #nojotostory #storytelling #StoryTeller #TrueStory #Truth #Life