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Dr. Vishal Singh Vatslya
लाकङाउन की मुलाकात ●●●●●●●●●●●●● { Read in Caption } Dr.Vishal Singh #yostowrimomay #बालकनीकहानी #लघुकथा तुम बस यहीं लेटे रहा करों... तुम्हारे आराम के लियें ही यें लाकडाउन हुआ है ना..... क्या हुआ मां आप क्या बुदबुदा रहें हो... बताइये ना... मैने मां से पूछा तो वह और भड़क गयी मैंने फिर पूछा कुछ बताने का कष्ट करेंगी आप... हा हा ... अब तो मुस्कराहट आ गयी उनके चेहरे पर... क्यों नहीं ध्यान रखते हो अपना दिन भर बस आराम और मोबाइल..... शुगर फिर बढ़ गयी हैं ना... लोगडाउन है ना जाने कैसी बीमारी आ गयी है कब पीछा छूटेगा इससे.. बाहर नहीं जा सकते घूमने ऊपर छत पर ही टहल आया करो
#yostowrimomay #बालकनीकहानी #लघुकथा तुम बस यहीं लेटे रहा करों... तुम्हारे आराम के लियें ही यें लाकडाउन हुआ है ना..... क्या हुआ मां आप क्या बुदबुदा रहें हो... बताइये ना... मैने मां से पूछा तो वह और भड़क गयी मैंने फिर पूछा कुछ बताने का कष्ट करेंगी आप... हा हा ... अब तो मुस्कराहट आ गयी उनके चेहरे पर... क्यों नहीं ध्यान रखते हो अपना दिन भर बस आराम और मोबाइल..... शुगर फिर बढ़ गयी हैं ना... लोगडाउन है ना जाने कैसी बीमारी आ गयी है कब पीछा छूटेगा इससे.. बाहर नहीं जा सकते घूमने ऊपर छत पर ही टहल आया करो
read moresanjay sheoran
कहानी लौटकर वापस तुम पर आयेगी , ऐसे अक्सर खंडर हुये सब मकान हैं...$$!! ये जाने कौनसी तरक़्क़ी कर रहा है समाज😕😕😕😕 #लघुकथा #शहर #बेटे #rakeshagarwal #bestyqhindiquotes
ये जाने कौनसी तरक़्क़ी कर रहा है समाज😕😕😕😕 #लघुकथा #शहर #बेटे #rakeshagarwal #bestyqhindiquotes
read moreSita Prasad
ईश्वर और मनुष्य - कुछ करने की चाह वह परेशान थी, क्या नहीं था घर में उसके, चैन के सिवा। ईश्वर के सामने नित गिड़गिड़ाती, "मेरा क्या होगा, भगवन!" और इसी सोच से मुस्कुराहट भूल चुकी थी।हाँ एक कमी उसके जीवन में यह थी कि, वह ज्यादा पढ़ी लिखी न थी, जिसके कारण घरवाले उसकी राय बिरला ही लेते थे। चक्रधारी यह सब देख रहा था। जान गया यकायक उसकी पीड़ा। उसकी बेटी के मस्तक में एक सुन्दर ख्याल भर दिया। उसकी बेटी वीना सुशील और शांत चित्त थी। एक अध्यापिका होने के कारण वीना , रोज़ नूतन सबक ज़िंदगी के सीखती थी। अब उसे अपनी मां का चहरा पढ़ना भी आ गया था। वीना ने मां से डिग्री का फार्म भरवाया और एक नया पन्ना उसकी मां के जीवन में जुड़ गया। वह, ईश्वर के सामने चंद आंसू आज एक साल बाद बहा चुकी है, वे खुशी के आसू हैं। आखिर नज़रिया सबका बयदल ही गया। #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #kkpc23 #विशेषप्रतियोगिता #आत्मसम्मान #ईश्वरऔरमनुष्य #लघुकथा
ashutosh anjan
दोस्ती की मिसाल (लघुकथा) कैप्शन में पढ़े👇 दोस्ती की मिसाल (लघुकथा) कैप्शन में पढ़े👇 यह कहानी भारत के राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी है,जब बटुकेश्वर दत्त 1928 में गठित हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी के सदस्य बने,यहीं पर उनकी भगत सिंह से मुलाकात हुई और यहाँ उन्होंने बम बनाना सीखा। दोनों क्रांतिकारियों में दोस्ती कितनी गहरी थी इसकी एक मिसाल हुसैनीवाला में देखने को मिलती है.... बात 1964 की है जब बटुकेश्वर दत्त बीमार पड़े और पटना के सरकारी अस्पताल में उन्हें कोई पूछने वाला नहीं था तब जानकारी मिलने पर पंजाब सरकार ने बिहार सरकार को
दोस्ती की मिसाल (लघुकथा) कैप्शन में पढ़े👇 यह कहानी भारत के राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी है,जब बटुकेश्वर दत्त 1928 में गठित हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी के सदस्य बने,यहीं पर उनकी भगत सिंह से मुलाकात हुई और यहाँ उन्होंने बम बनाना सीखा। दोनों क्रांतिकारियों में दोस्ती कितनी गहरी थी इसकी एक मिसाल हुसैनीवाला में देखने को मिलती है.... बात 1964 की है जब बटुकेश्वर दत्त बीमार पड़े और पटना के सरकारी अस्पताल में उन्हें कोई पूछने वाला नहीं था तब जानकारी मिलने पर पंजाब सरकार ने बिहार सरकार को
read moreashutosh anjan
"दूर के ढ़ोल सुहावने होते है" (लघुकथा) कैप्शन में पढ़े👇 "दूर के ढ़ोल सुहावने होते है" पूजा आज बहुत खुश थी,क्योंकि उसके पति किशन का तबादला उसके शहर यानी मायके में ही हो गया था l दो छोटे छोटे बच्चे जिनकी वजह से उसने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी थी क्योंकि सास ससुर देवर के साथ दूसरे शहर में रह रहे थे,उनका साथ रहना संभव नहीं था और बच्चों को वह नौकरानी के भरोसे छोड़ नहीं सकती थी l अब कम से कम बच्चों को माँ के पास तो छोड़ दिया करुँगी वहीं आस-पास घर ले लेंगे। पूजा ने पति से खुशी से उछलते हुए कहा.... "पहुँच कर देखते है" किशन ने गंभीरता से उत्तर दिया। "ह
"दूर के ढ़ोल सुहावने होते है" पूजा आज बहुत खुश थी,क्योंकि उसके पति किशन का तबादला उसके शहर यानी मायके में ही हो गया था l दो छोटे छोटे बच्चे जिनकी वजह से उसने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी थी क्योंकि सास ससुर देवर के साथ दूसरे शहर में रह रहे थे,उनका साथ रहना संभव नहीं था और बच्चों को वह नौकरानी के भरोसे छोड़ नहीं सकती थी l अब कम से कम बच्चों को माँ के पास तो छोड़ दिया करुँगी वहीं आस-पास घर ले लेंगे। पूजा ने पति से खुशी से उछलते हुए कहा.... "पहुँच कर देखते है" किशन ने गंभीरता से उत्तर दिया। "ह
read moreashutosh anjan
दुर्घटना से देर भली (लघु कथा) कैप्शन में पढ़िए👇 मेरा मानना है कि अधिकतर लोग सरकारी बसों में लिखें स्लोगन "दुर्घटना से देर भली" को बस स्लोगन ही समझतें है। लोगों ने इसकी महत्ता और इसकी गंभीरता को समझने का प्रयास नही कर पा रहे। जैसे जैसे देश मे आर्थिक उन्नति हो रही है, क्रयक्षमता तथा जीवनस्तर में वृद्धि के कारण वाहनों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जबकि सड़कों की क्षमता स्थायी बनी हुई है. एक ओर तेज गति के सभी वाहनों का तीव्र उत्पादन तो दूसरी ओर सरकारी वाहनों की सड़कों पर भरमार। सब को जल्दी है तुरंत गंतव्य स्थान पर पहुंचने की,हम ठहरना नहीं चा
मेरा मानना है कि अधिकतर लोग सरकारी बसों में लिखें स्लोगन "दुर्घटना से देर भली" को बस स्लोगन ही समझतें है। लोगों ने इसकी महत्ता और इसकी गंभीरता को समझने का प्रयास नही कर पा रहे। जैसे जैसे देश मे आर्थिक उन्नति हो रही है, क्रयक्षमता तथा जीवनस्तर में वृद्धि के कारण वाहनों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जबकि सड़कों की क्षमता स्थायी बनी हुई है. एक ओर तेज गति के सभी वाहनों का तीव्र उत्पादन तो दूसरी ओर सरकारी वाहनों की सड़कों पर भरमार। सब को जल्दी है तुरंत गंतव्य स्थान पर पहुंचने की,हम ठहरना नहीं चा
read moreकुलदीप शर्मा
“बात मेरे बचपन की है, लगभग 10-12 साल पहले। उन दिनों मुझे साइकिल चलाने का बड़ा शौक था। घर पर फिल्मी गानों पर रोक थी और फिल्में देखने पर तो फांसी हो जाए ऐसा प्रावधान था। घर पर टेप रिकॉर्डर था तो लेकिन गाने कम ही बजते थे और कभी बजते भी थे तो देशभक्ति और भजन ही बजा करते थे। मुझे इतना बड़ा चस्का लग चुका था देशभक्ति गानों का कि एक बार साइकिल से अकेले बाज़ार गया हुआ था... 14 या 15 अगस्त का दिन था... गर्मी भी बहुत थी... रास्ते से गुजरते हुए एक पंचर बनाने वाली दुकान के रेडियो पर एक गाना चल रहा था, “ऐ मेरे वतन के लोगों”। फिर क्या था उस भरी दोपहर में पसीने से डूबा हुआ उस दुकान के बाहर तब तक खड़ा रहा जब तक गाना खत्म नहीं हो गया। ये था मेरा उस वक़्त पागलपन देश के लिए जो आज तक कायम है।” Collab with YourQuote Didi #हिंदी #लघुकथा #faujikealfaaz #kuldeepsharma #ballpen #yqdidi
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