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आंखों से अश्क बेवजह बहने लगे हैं हम आजकल खुद में त

आंखों से अश्क बेवजह बहने लगे हैं
हम आजकल खुद में तनहा रहने लगे हैं, 
यूँ तो तबियत में सादगी अब भी वही है
लेकिन न जाने क्यूँ खुद को ही अब दर्द देने लगे हैं!!

©kajal kannaujiya
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