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प्रेम कोई भोजन नहीं जो पेट भर जाने के बाद खाया ना

प्रेम कोई भोजन नहीं
जो पेट भर जाने के बाद
खाया ना जाये.....
प्रेम वो नीर होता है
जो जीवित रहने के लिए 
बार-बार पीना पड़ता है.....!!

©Anjali Nigam
  #प्रेम_की_परिभाषा