Dear तुम, तुम मिले भी तो ऐसे उम्र में आके मुझे, जब मालूम न था सलीक़े प्यार के। अभी-अभी तो तुझसे सीख ही रहा था, प्यार के बंधन को पिडोना, इसे सँवारना। दिल की जज़्बातें जुबां पे आने ही वाले थे कि अचानक! कम्बख्त तक़दीर ने अपने रास्ते बदल लिए। ठहर सा गया हूं मैं अब भी वहीं पर। लेकिन मेरा वहाँ ठहरना अब बेवज़ह सा लगने लगा है। क्यूंकि साथ गुज़ारे हुए लम्हें भी,धुंधली सी पड़ने लगी है। अब तो अक्सर तन्हा रातों में इस बुझते हुए रिश्ते को तापा करता हूँ मैं, सर को तुम्हारी कंधो पे टिका के तुम्हारी हाथों की नर्मियाँ से धीरे-धीरे सहलाते हुए सुनाया करता हूँ उस नींद की कहानी, वो नींद जो जागते हुए मिली थी तुम्हारे आग़ोश के सुकूँ में। :-यीशू ©Yishu Raj Dear तुम, (एक खत) #मेरी #Love #Stories #Shayari #Quote #Nojoto #Hindi #poem #Poet