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हृदयविदारक दुःख से आहत मैंने बस श्री राम पुकारा ब

हृदयविदारक दुःख से आहत
मैंने बस श्री राम पुकारा

बही आँसुओं की झर-झर-झर
निर्झर गंग-जमुन जल धारा

प्राण सोखते ज्वलित हृदय में
पीड़ा का अम्बार खड़ा था

अपराधी के दोष बड़े थे,
या ख़ाकी का दोष बड़ा था

केवल कुछ क्षण गुरू कृपा का मोल चुकाने निकले थे
वो अनभिज्ञ थे उस सुर से जो षडयन्त्रों से बदले थे

वो अनभिज्ञ थे उस बदले से
जो घातों के मन में थे

वो अनभिज्ञ थे उन चेहरों से
जो परिवार सदन में थे

बीच सड़क पर लाखों आँखों के संज्ञान नजारा था
दो निरीह सन्तों को खाकी और गुण्डों ने मारा था

उफ़.,
मानवता के रक्षक भी आँख मूँदकर मौन रह गये
'महाराज'(तथाकथित ठाकरे परिवार)😠 सोकर ना जागे-अधिकारी भी मौन रह गये

इतना कुत्सित दृश्य देखकर आँखें रो रो पड़ती हैं
हे भगवन तुम न्याय करो अब, इतना आग्रह करती हैं

जितने हिंजड़ों ने असहायों को पीट पीटकर मारा है
उनके प्राणों का हरण करो हे प्रभु अधिकार तुम्हारा है

काली का खप्पर खड्ग जगे, खुद महाकाल अदृश्य जगें
अपने नागा भक्तों पर कृपा करें, ताण्डव का दृश्य जगे

त्राहि त्राहि होनी चहिये हत्यारे गाँव के आँगन में
बंधे दिखे हर अपराधी तन श्मशान के बन्धन में..

नहीं सुधर सकती कायरता जब तक कुछ सख़्ती ना हो
पाप नहीं रुकता है जबतक पापी की मुक्ती ना हो☝️
👆....👆....👆....👆....👆....👆....👆....👆

#पालघर
#सनातनधर्म
#महाराज_कुछ_शर्म_करो
#दोषियों_को_फाँसी_दो

--©अभ्भू भइया*(बातें जिन्दगी से)* #अभ्भूभइया
हृदयविदारक दुःख से आहत
मैंने बस श्री राम पुकारा

बही आँसुओं की झर-झर-झर
निर्झर गंग-जमुन जल धारा

प्राण सोखते ज्वलित हृदय में
पीड़ा का अम्बार खड़ा था

अपराधी के दोष बड़े थे,
या ख़ाकी का दोष बड़ा था

केवल कुछ क्षण गुरू कृपा का मोल चुकाने निकले थे
वो अनभिज्ञ थे उस सुर से जो षडयन्त्रों से बदले थे

वो अनभिज्ञ थे उस बदले से
जो घातों के मन में थे

वो अनभिज्ञ थे उन चेहरों से
जो परिवार सदन में थे

बीच सड़क पर लाखों आँखों के संज्ञान नजारा था
दो निरीह सन्तों को खाकी और गुण्डों ने मारा था

उफ़.,
मानवता के रक्षक भी आँख मूँदकर मौन रह गये
'महाराज'(तथाकथित ठाकरे परिवार)😠 सोकर ना जागे-अधिकारी भी मौन रह गये

इतना कुत्सित दृश्य देखकर आँखें रो रो पड़ती हैं
हे भगवन तुम न्याय करो अब, इतना आग्रह करती हैं

जितने हिंजड़ों ने असहायों को पीट पीटकर मारा है
उनके प्राणों का हरण करो हे प्रभु अधिकार तुम्हारा है

काली का खप्पर खड्ग जगे, खुद महाकाल अदृश्य जगें
अपने नागा भक्तों पर कृपा करें, ताण्डव का दृश्य जगे

त्राहि त्राहि होनी चहिये हत्यारे गाँव के आँगन में
बंधे दिखे हर अपराधी तन श्मशान के बन्धन में..

नहीं सुधर सकती कायरता जब तक कुछ सख़्ती ना हो
पाप नहीं रुकता है जबतक पापी की मुक्ती ना हो☝️
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#पालघर
#सनातनधर्म
#महाराज_कुछ_शर्म_करो
#दोषियों_को_फाँसी_दो

--©अभ्भू भइया*(बातें जिन्दगी से)* #अभ्भूभइया