Nojoto: Largest Storytelling Platform

आजकल सूरज ढलने से पेहेले ही शाम आंगन मे उतरती हैं

आजकल सूरज ढलने से पेहेले ही 
शाम आंगन मे उतरती हैं
 तीनका तीनका इकठ्ठा किये तेरी यादों को
गहरी रात से पेहले बिखरती है

कौनसा वो जादू है तेरी बातो मे ए जादूगर
 जाते जाते बताकर तो जाते 
उस जादुगरी मे  इश्क ए कैद  उम्र्भर के लिये बनाकर तो जाते

©Ashvini Patil
  #GateLight