धन से किसी की भावनाएँ नहीं खरीदी जा सकती लेकिन भावनाओं के एक बाजार में ऊँचे दाम में रूदाली बिकती हैं क्योंकि भावनाएं ना पहले खरीदी जा सकती थी ना आज खरीदी जा सकती हैं नए ही आने भविष्य में। रूदाली एक ऐसी स्त्री जो विधवा होती थी और उनको रोने के लिए बुलाया जाता था। राजस्थान के कुछ इलाकों में राजपूतों या जमीदारों के घर जब कोई पुरुष मरता था तो वो रूदाली बन उनके घर रोती थीं बदले में उनको पैसे मिलते थे वो ये काम अपनी गरीबी और मजबूरी के कारण करती थीं।
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आइए लिखते हैं #ख़यालोंकीउथलपुथल
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