Find the Best ख़यालोंकीउथलपुथल Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about
Shree
✍️ ✍️ एक समय में समाज की रचना हुई थी बेतरतीबयों से बचने के लिए, आने वाली पीढ़ी को एक सुरक्षित वातावरण देने के लिए, शिक्षा, सफाई,आवास देने के लिए। समाज लोगों से बनता है और लोग समाज को बनाते हैं। जब कुछ एक तरह के लोग अपनी कथन की सत्यता को बरकरार रखने के लिए बाकी लोगों से अलग एक नियम बनाते हैं। जिनके लिए नियम बनाते हैं, उन्हें नासमझ समझा जाता है। नियम बनाते समय वे लोग जिम्मेदारी के नाम पर अपनी सोच बाकी के समाज पर थोपते हैं, सोचते हैं कि वो उन से ऊपर है। इस दरमियान, मानवता के बहुत ही छोटे-छोटे नियमों,
Krish Vj
प्रेम कब किस से और कहाँ हो जाए कोई नहीं जानता है, प्रेम सब रस्मों कसमों से परे होता है। पर हम संस्कारी होकर अपने निज स्वार्थ को ना ध्यान में रख कर अपने परिवार को मात पिता को महत्व देते है बिछुड़ना प्रेम का वो पल है जो ह्रदय को विदीर्ण कर देता है। अपने मात पिता के त्याग और बलिदान के लिए हमें अपने प्रेम का बलिदान देना होता है और हम यह कर देते है। और यह विरह इतना कठिन होता है जब हम इतना टूट जाते है जिसे बाद में कोई जोड़ नहीं पाता है। __________________________________________
Krish Vj
शब्दों की सरिता बड़ी प्यारी है साथ ही यह पीड़ा और नफ़रत भी समाए रखती है। मनुज का स्वभाव है अगर शब्द उसके मन मुताबिक़ नहीं है तो वह उसे दुःख ही प्रधान करेंगे चाहे शब्द पूर्णतया सत्य हो। वर्तमान स्थिति में तो शब्दों से रिश्ते बनते बिगड़ते है....रिश्ता कितना चलेगा यह आपकी वाणी पर निर्भर है। प्रेम को कितना स्वार्थी बना दिया है हमने, परिभाषा भी बदल दी... प्रेम तो सत्य है, और सत्य कल्याण कारी और सब से परे है... शब्दों का असर नहीं है प्रेम मेें भावना का महत्व है। मैं ही हूँ जो बनाता रिश्ता और मैं
Krish Vj
— % & तेरा मेरा इश्क़ में कभी हुआ नहीं, जो हुआ इश्क़ तो उसका दुःख भी मेरा और सुख भी मेरा । जो उसको मैं खुश ना देखूँ तो कैसा इश्क़ है मेरा? वो खुश तो मैं खुश और यही तो सच्चा इश्क़ है। जब हाथ जुड़ेंगे तो उसकी सलामती की दुआ होगी बस और वहीं से मुकम्मल होगा इश्क़ यह। _____________________________________________ आइए लिखते हैं #ख़यालोंकीउथलपुथल ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)
Krish Vj
कसमों और वादों का कोई मूल्य नहीं? यह सिर्फ़ 'विश्वास' से जुड़ी है। जहाँ विश्वास है तो कसमें और वादे अनमोल है, बिना विश्वास यह कुछ भी नहीं। कसमों और वादों से 'प्रेम' की शुद्धता परखना अनुचित है, 'प्रेम' हृदय के कोमल, निस्वार्थ 'एहसास' का संगम है, सच्चा प्रेम निर्मल जल की तरह है जहाँ हम सब कुछ देख पाते हैं। _____________________________________________ आइए लिखते हैं #ख़यालोंकीउथलपुथल ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ अपना जवाब कोलाब करके लाइन के ऊपर लिखें ☝️ Collab बटन पर क्लिक क
Krish Vj
एक डर जो बैठ गया घर करके मन में मेरे, मुझे उसे हर हाल में हराना हैं । विश्वास मन में जगाना हैं, मंज़िल को मुझे पाना हैं । मंज़िल की राहों में आने वाली हर बाधाओं से लड़कर मुझे हराना हैं। _____________________________________________________ झूठ जीत जाए और सच हार जाए यह कभी नहीं होगा। मुझे हर हाल में उससे जीतना हैं, आगे बढ़कर सत्य की मंज़िल प्राप्त करनी हैं _____________________________________________ ________ आइए लिखते हैं #ख़यालोंकीउथलपुथल
Krish Vj
जैसे-जैसे हम मनुष्यों को स्वार्थ का नशा चढ़ता जा रहा है, हम अपनी राह में आने वाले हर कांटे को हटा कर फेंक दे रहें हैं। चाहे वह सजीव है या निर्जीव। स्वार्थ के वशीभूत होकर हम अपने माँ बाप तक को भूल जाते हैं। इसी श्रृंखला में हम "पेड़" उनको भी मोत के घाट उतार देते हैं ( काट देते हैं ) । यह सही नहीं हैं, जीवन उनमे भी हैं जीव हत्या प्रभु की हत्या समान जो सर्वथा पाप हैं। जब हमें ठोकर लगती हैं तब हमें इनकी याद आती हैं, या कहूँ जरूरतों के वक़्त हम याद करते हैं । अभी कोरोना महामारी
Sweta
👇👇👇👇👇👇 बिल्कुल सही बात है ।भावनाओं को न तो पैसों से न ही जोर जबरदस्ती खरीदी जा सकती है। ये अनमोल है इसका मोल कभी कोई नहीं लगा सकता । और बात रूदालीयों की करे तो हम सिर्फ़ उसकी पेशे की मजबूरी खरीद लेते है इस दिखावे के दौर में , किसी के भावनाओं के मोती खरीद सके कहा किसी की हैसियत फिर वो चाहे रूदाली हो या आम लोग ।। _____________________________________________ आइए लिखते हैं #ख़यालोंकीउथलपुथल
khusi
Read in caption हम सभी जानते है की ,इस जीवन में बदलाव का होना बोहोत जरूरी है, अगर बदलाव ना होता तो आज भी हम मानव की जगह आदिमानव ही कहलाते । आज भी हम उसी पुरानी खयालात में जी रहे होते। लेकिन हम सभी ने बदलाव को अच्छा माना ओर हमेशा ही एक नई शुरुवात की। ओर हमेशा ही करते रहेंगे, ओर इस बदलाव को हमने कभी भी गलत नही माना है, लेकिन जब हमसे कोई बदलाव की उम्मीद भावनाओं में करता है, तो हम उसे बर्दास्त नही कर पाते है, क्योंकि हमे लगता है, की वो इंसान हमसे हमारी पहचान छीन रहा हो, मगर ऐसा नहीं होता है। कभी कभी हम अपनी भावनाओं
Poonam Suyal
व्यवहार, संस्कार, पीढ़ी, परिवार एक जैसे हो सकते हैं। पर सब उन संस्कारों को अपने अंदर कैसे संग्रहित करते हैं, ये उनकी सोच पर निर्भर करता है। जो उनकी सकारात्मकता को देखेगा वो सदाचार करेगा। जो नकारात्मकता को ग्रहण करेगा वो दुराचार ही करेगा। सब देखने वाले के नज़रिए पर निर्भर करता है। _____________________________________________ आइए लिखते हैं #ख़यालोंकीउथलपुथल ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ अपना जवाब कोलाब करके लाइन के ऊपर लिखें ☝️ Collab बटन पर क्लिक कीजिए। चार बार Space पर क्