Nojoto: Largest Storytelling Platform

"गुलज़ार" दर्द हल्का है साँस भारी है जिए

"गुलज़ार"







दर्द हल्का है साँस भारी है 

जिए जाने की रस्म जारी है 

आप के ब'अद हर घड़ी हम ने 

आप के साथ ही गुज़ारी है 

रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो 

दिन की चादर अभी उतारी है 

शाख़ पर कोई क़हक़हा तो खिले 

कैसी चुप सी चमन पे तारी है 

कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था 

आज की दास्ताँ हमारी है।

"गुलज़ार" ब'अद - बाद/पश्चात
क़हक़हा - खिलखिलाकर हंसना/ ठहाका
शाख़ - शाखा/डाली
चमन - बगीचा/फुलवारी/उद्यान
तारी - छाया/फैला हुआ
#गुलज़ार #गुलजार #गज़ल #गजल #rekhta
#TereHaathMein

ब'अद - बाद/पश्चात क़हक़हा - खिलखिलाकर हंसना/ ठहाका शाख़ - शाखा/डाली चमन - बगीचा/फुलवारी/उद्यान तारी - छाया/फैला हुआ #गुलज़ार #गुलजार #गज़ल #गजल #rekhta #TereHaathMein

2,082 Views