Nojoto: Largest Storytelling Platform

इश्क और अश्क़ इश्क और अश्क़ का तो, चोली दामन का साथ

इश्क और अश्क़

इश्क और अश्क़ का तो,
चोली दामन का साथ है।
कहती है ये दुनिया सारी,
इसमें कामदेव का हाथ है।

इश्क है कुछ क्षण का पर,
नेत्रों में अश्क़ बहुत गहरे हैं।
कितने भी जुल्म सहलो पर,
सुनने को यहाँ सब बहरे हैं।

ये आकर्षण का ही जलवा है,
जिसने इश्क को जन्म दिया।
जातिवाद के इस भेदभाव ने,
अश्कों को ही तब सार दिया।

बुरे भाव को यूँ  लेकर बैठे,
इश्क का है जो नाम दिया।
छत्तीस टुकड़े ही कर डाले,
उसे अश्क़ का जाम दिया।

समझो इश्क बदनाम हुआ,
क्यों अश्कों को भरे हुए हो।
लक्ष्य को अपने छोड़ दिया,
क्यों जीवन से रुष्ठ हुए हो।

इश्क और अश्क़ का तो,
चोली दामन का साथ है।
खत्म हुआ भरोसा देखो,
ऊपर न किसी का हाथ है।
....................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #इश्क_और_अश्क़ #nojotohindi #nojotohindipoetry 

इश्क और अश्क़

इश्क और अश्क़ का तो,
चोली दामन का साथ है।
कहती है ये दुनिया सारी,
इसमें कामदेव का हाथ है।

इश्क है कुछ क्षण का पर,
नेत्रों में अश्क़ बहुत गहरे हैं।
कितने भी जुल्म सहलो पर,
सुनने को यहाँ सब बहरे हैं।

ये आकर्षण का ही जलवा है,
जिसने इश्क को जन्म दिया।
जातिवाद के इस भेदभाव ने,
अश्कों को ही तब सार दिया।

बुरे भाव को यूँ  लेकर बैठे,
इश्क का है जो नाम दिया।
छत्तीस टुकड़े ही कर डाले,
उसे अश्क़ का जाम दिया।

समझो इश्क बदनाम हुआ,
क्यों अश्कों को भरे हुए हो।
लक्ष्य को अपने छोड़ दिया,
क्यों जीवन से रुष्ठ हुए हो।

इश्क और अश्क़ का तो,
चोली दामन का साथ है।
खत्म हुआ भरोसा देखो,
ऊपर न किसी का हाथ है।
....................................
देवेश दीक्षित

#sandiprohila  शिवम् सिंह भूमि Dr Anoop indu singh sana naaz Arshad Siddiqui  Meenakshi Sharma Rajat Bhardwaj Bhoomi.Singh Sherni Anshu writer
deveshdixit4847

Devesh Dixit

New Creator
streak icon40

#इश्क_और_अश्क़ #nojotohindi #nojotohindipoetry इश्क और अश्क़ इश्क और अश्क़ का तो, चोली दामन का साथ है। कहती है ये दुनिया सारी, इसमें कामदेव का हाथ है। इश्क है कुछ क्षण का पर, नेत्रों में अश्क़ बहुत गहरे हैं। कितने भी जुल्म सहलो पर, सुनने को यहाँ सब बहरे हैं। ये आकर्षण का ही जलवा है, जिसने इश्क को जन्म दिया। जातिवाद के इस भेदभाव ने, अश्कों को ही तब सार दिया। बुरे भाव को यूँ लेकर बैठे, इश्क का है जो नाम दिया। छत्तीस टुकड़े ही कर डाले, उसे अश्क़ का जाम दिया। समझो इश्क बदनाम हुआ, क्यों अश्कों को भरे हुए हो। लक्ष्य को अपने छोड़ दिया, क्यों जीवन से रुष्ठ हुए हो। इश्क और अश्क़ का तो, चोली दामन का साथ है। खत्म हुआ भरोसा देखो, ऊपर न किसी का हाथ है। .................................... देवेश दीक्षित #sandiprohila @शिवम् सिंह भूमि @Dr Anoop @indu singh @sana naaz @Arshad Siddiqui @Meenakshi Sharma Rajat Bhardwaj Bhoomi.Singh @Sherni @Anshu writer #Poetry

180 Views