Nojoto: Largest Storytelling Platform

नामालूम कब से मुझ पर नज़र है उसकी जो मेरे पीछे से

नामालूम कब से मुझ पर नज़र है उसकी
जो मेरे पीछे से खींच कर मेरी तस्वीर भेज रहा है
ना पता मालूम मुझे उसका ना शक्ल ही देखी
जमाने में कैसा चलन यह आम हो रहा है
किसी रोज़ सुर्खियों में परवरिश शर्मसार ना हो जाएं 
बेटों के लिए क्यों घोड़े बेच कर परिवार सो रहा है 
माना तलाक का दौर है एक दूसरे को गिराने पर जोर है
निभाना कोई क्यूं चाहे जब गंठबंधन की गांठ ही कमजोर है
बालकों को मनमानी से रोकने से पहले खुद को तो रोकिए
उम्र के तकाजे के हिसाब से खुद को तो टोकिए
बबली भाटी बैसला

©Babli BhatiBaisla
  परवरिश

परवरिश #शायरी

1,292 Views