कान्हा- मेरे जीवन का सार। राधे मोहन मेरे, मेरे ही तुम हो मुरारी, तुम ही मेरा जीवन, तुम ही फूलों की क्यारी । रणछोड़ मुझे भी भगा लो, द्वारका में आपमे साथ बसा लो, मेरे हर धड़कन में तुम ही श्याम, मुझे अपनी शरण में ले लो । आया हूँ न जाने कहाँ भटक भटक कर, रोया सिर्फ तेरे दर पहुंचकर , हार गया हूँ ज़िन्दगी की जंग मेरे द्वारदकधीश, जीत गया हूँ तेरा आशीर्वाद पाकर । गोविंद अब तूम ही हो मेरे जीवन का आधार, माधव अब तुम ही हो मेरे प्रेम की पतवार, भटक गया था मैं कई बार, बस काम तेरा ही नाम आया हर बार । #krishna #hindi #poetry #happybirthdaykanha #janmashtami