Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरे लिए प्रेम कोई स्वार्थ नहीं है, न कोई दैहिक सु

मेरे लिए प्रेम कोई स्वार्थ नहीं है,
न कोई दैहिक सुख,
और न ही कोई प्रलोभन,
मेरे लिए प्रेम है निस्वार्थ वात्सल्य की तरह,
जो स्पर्श भी करे तो ,
उसमे इतनी आत्मीयता व्याप्त हो,
कि उसकी छुअन किसी पुष्प की 
कोमलता सा लगे,
उसके हाथो में हाथ होना,
मानो जहां भर से लड़ने का हौंसला,
अंधेरी राह में जैसे ,
कोई टिमटिमाता सा सितारा,
मेरे आस पास मंडराता सा,
उसका आलिंगन जैसे,
एक सुखद सा एहसास,
जैसे समस्त भावों का,
एक अथाह समुंदर सा उमड़ आना,
जैसे समेट लिया हो किसी ने,
टूटे बिखरे हुए से व्याकुल मन को,
और बांध लिया हो ,
अपनी आत्मा से सदा के लिए ....!

©sabr
  #Prem
poonamarya3803

sabr

New Creator