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गुलशन भी सूख जाएंगे। बरसी है जो घटाएँ नेनों से मेर

गुलशन भी सूख जाएंगे।
बरसी है जो घटाएँ नेनों से मेरे,
आकर आगोश में इनके
शमाएं कई ओझल जाएंगे।
अरे इंसा तो क्या, देखकर ग़म मेरे                   ख़ुद ख़ुदाभी बहक जाएंगे।।

©Faniyal
  #meragum