भोलेपन और 'मासूमियत' की 'मुरत' हो तुम पल-पल इस नादां 'दिल' की 'ज़रूरत' हो तुम तेरी बातें ही मेरी चाहत, सादगी में बसी हो तुम लफ्ज़ सुकून का, रब की अमृतमयी रची हो तुम तेरी बातों से बहलता दिल, मेरी इबादत हो तुम सुकून का एहसास, मुकम्मल सी ग़ज़ल हो तुम जो बातें करता दिल तुमसे, लबों की हँसी हो तुम मन दर्पण चेहरा तेरा, साँस-साँस में बसी हो तुम ख़ूबसूरती झलकती हर लफ्ज़ से ज़िन्दगी हो तुम मन का चैन, मेरा ख़ुदा और इश्क़ मज़हब हो तुम तेरी बातों की ख़ूबसूरती (कविता) #collabwithकोराकाग़ज़ #kkpc20 #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़ #baatein #khubsurti #खूबसूरती