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सोचते हो भगवान की सोचो भी इंसा

सोचते    हो     भगवान     की
सोचो     भी      इंसान      की

आँसू   हँसी  की  जात  है  क्या
हिन्दू     या     मुसलमान    की

फूल हैं  किसके खुशबू किसकी
राम       या      रहमान      की

लूट  में  शामिल  सब  हैं  भाई
जय    बोलो     बेईमान    की

वो   हो    सिकंदर   या   बावर
सब   राह   चले   श्मशान  की

©Rabindra Prasad Sinha
  #अनपढ़प्रेम