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आज–कल नींदे कहीं गुम सी है, और आंखे भी कुछ नम सी ह

आज–कल नींदे कहीं गुम सी है,
और आंखे भी कुछ नम सी है।

आज कल शरीर में भी कुछ थकान है,
और खामोशी में रहती ये जुबान है।

आज–कल दूरी भी है थोड़ी यारियों से,
और कंधे भारी है कुछ जिम्मेदारियों से।

©Vivek Singh #Twowords 
आज–कल नींदे #कहीं #गुम सी है,
आज–कल आंखे भी कुछ #नम सी है।

आज कल #शरीर में भी कुछ #थकान है,
आज कल #खामोशी में रहती ये #जुबान है।

आज–कल  दूरी भी है थोड़ी यारियों से,
आज–कल नींदे कहीं गुम सी है,
और आंखे भी कुछ नम सी है।

आज कल शरीर में भी कुछ थकान है,
और खामोशी में रहती ये जुबान है।

आज–कल दूरी भी है थोड़ी यारियों से,
और कंधे भारी है कुछ जिम्मेदारियों से।

©Vivek Singh #Twowords 
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आज–कल आंखे भी कुछ #नम सी है।

आज कल #शरीर में भी कुछ #थकान है,
आज कल #खामोशी में रहती ये #जुबान है।

आज–कल  दूरी भी है थोड़ी यारियों से,
vvksng01652

Vivek Singh

New Creator

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