मेरे दिल में बारहा फ़रियाद नहीं होती, रतजगे में नींद जो बरबाद नहीं होती। मैं कितना ही आसमाँ को तकता रहूँ, बरसात फ़िर होने के बाद नहीं होती। डरो न अभी तुमको देखा है बस, इतनी भी आँखें सैय्याद नहीं होती। झगड़ा अग़र तुझसे बिस्तर में हो, मैं हारूं भी तो मात नहीं होती। हिंदी का लेखक ग़ज़ल लिख रहा, बेशक़ मोहब्बत की जात नहीं होती। ग़ज़लें 'डिअर' की भी रूठी रहीं, 'एलिया' से जिसदिन बात नहीं होती। #dearsdare #gazal #ghazal #yqdidi #newgazal #love #life