ना जाने क्यों मैं हर बार बिखर जाता हूँ टूट कर ना जाने क्यों हर बार होती है मेरी बस हार जाने क्या खेल, खेल रही है मेरी क़िस्मत मेरे साथ ना जाने क्यों मैं संवर जाता हूँ हर बार बिखरने के बाद 16/365 ज़िन्दगी कैसी है पहेली हाय! कभी तो हंसाए कभी ये रुलाए!! #ज़िन्दगी #हारजीत #बिखरना #365days365quotes #writingresolution #cinemagraph #bestyqhindiquotes #aprichit