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कहना था कुछ और आंखों का, कुछ और ही दिल कहने लगता।

कहना था कुछ और आंखों का,
कुछ और ही दिल कहने लगता।
बेचैनी लगी होगी,
लगी होगी किसी बात की,
इस लिए उठने लगते बार बार,
बार बार फिर बैठने लगते।
@©®✍️ सरबजीत संगरूरवी

©Sarbjit sangrurvi कहना था कुछ और आंखों का,
कुछ और ही दिल कहने लगता।
बेचैनी लगी होगी,
लगी होगी किसी बात की,
इस लिए उठने लगते बार बार,
बार बार फिर बैठने लगते।
@©®✍️ सरबजीत संगरूरवी
#Joker
कहना था कुछ और आंखों का,
कुछ और ही दिल कहने लगता।
बेचैनी लगी होगी,
लगी होगी किसी बात की,
इस लिए उठने लगते बार बार,
बार बार फिर बैठने लगते।
@©®✍️ सरबजीत संगरूरवी

©Sarbjit sangrurvi कहना था कुछ और आंखों का,
कुछ और ही दिल कहने लगता।
बेचैनी लगी होगी,
लगी होगी किसी बात की,
इस लिए उठने लगते बार बार,
बार बार फिर बैठने लगते।
@©®✍️ सरबजीत संगरूरवी
#Joker

कहना था कुछ और आंखों का, कुछ और ही दिल कहने लगता। बेचैनी लगी होगी, लगी होगी किसी बात की, इस लिए उठने लगते बार बार, बार बार फिर बैठने लगते। @©®✍️ सरबजीत संगरूरवी #Joker #ਜੀਵਨ