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बाबुल बाबुल की गलियां छोड़े कही अरसा होगा जैसे कल क

बाबुल
बाबुल की गलियां छोड़े कही अरसा होगा
जैसे कल की बात हो
कल ही विदाई हुई हो

आज भी बाबुल कहते हुए जी घबराता है
कल तक घर था
आज मायका होगया

कल तक सब अपने थे
आज दूर के रिश्तेदार होगा

अब तो गलियां भी नही पहचानती
अब तो सब धुंधला धुंधला हो रहा

अपना घर अब मायका हो गया 
बाबुल भी अब पराया हो रहा है
Rakhiom

©Rakhi  Gupta
  #बाबुल#006#हिंदी