इक सर्द हवा अभी अभी छू कर गुज़री मुझें,
जो उन बर्फ़ की चादर ओढ़े हुए पहाड़ो से आई थी,
मुझें परेशान करने या बताने की तुम तन्हा नहीं,
,
या हो सकता है उसे कहा गया हो मुझ तक आने के लिए,
या हो सकता है, मेरी तरह वो भी जाग रही थी सो
चली आई मुझ तलक बातें करने,ख़ैर वो आई और छू कर
चली भी गयी रह गया कुछ तो वो था एहसास, #रमेश