बड़ी ही अजब गजब यह हास्य कविता हैं, आप जो पढ़ रहे हैं और मैंने लिखी हैं| चोरी करना बुरी बात हैं,इसलिए मैं खुद की लिखता हूँ, पसंद आएगी सभी को इतना ख़याल रखता हूँ| खैर छोड़ो ए मुद्दा,विषय पर आते हैं, लिखी हैं एक हास्य कविता आपको दिखाते हैं| कई दिनों से जो बात मन में छुपा कर रखी थी, अच्छे मौके के तलाश पर उसे बतानी थी| आया मौका अच्छा उसके जन्मदिन का, हाल-ए-दिल बताके इजहार किया अपने प्यार का| चुका मेरा निशाना,गलत मौके पे बात आई, बोली वो इतने दिन सोये थे क्या,आज ही तय हुई मेरी सगाई| 😆😉😂 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 27 🎀 शीर्षक:- ""हास्य कविता"" 🎀 शब्द सीमा नहीं है। 🎀 इस प्रतियोगिता में आप सभी को इस शीर्षक पर collab करना है।