सुबह की सिंदूरी धूप में अभी भी "तुम" सिंदूरी दिखती हो
ख़िडकी से रोशनी कमड़े में भेज अभी भी "तुम" जगाती हो ....
खिड़की पर अजानी आहटों से खिड़की का पल्ला खटकाती हो
मुझे तूम अपनी "मदहोशी" की याद दिलाती हो....
तुम हवाँ बन न जाने किस तरफ़ रुख़ बदल लिये
हर इक झोका मुझे तुम्हारी जुल्फ़ों की याद दिलाती है.... #lovequotes#Remember#alone#शायरी#roshni#sadquotes#Likho#streak#bekhudi#निशीथ#NojotoStreak