दुनिया बहुत बड़ी है। हज़ारों लोगों से हम मिला करते है। कहीं सारे रिश्तो के बंधन से हम बंधे है। परिवार,समाज, मित्र और रिश्तेदार सब हमारे जीवन का हिस्सा होते है।
आज इंसान की दिनचर्या और कर्म दोनों बदल गए हैं। स्वार्थीपन हम सब पर हावी हो गया है। वक़्त का हमे पता ही नहीं है। भागदौड़ भरी ज़िन्दगी हो गई हमारे पास खुद के लिए वक़्त नहीं है और दूसरों के पास हमारे लिए। हम एक दम अकेले हो गए है।
इस अकेले मन की आवाज़ सुनने वाला कोई नहीं है। यह अकेलापन हमें अंदर ही अंदर खाए जा रहा है। प्रेम करो सब से प्रेम ही अकेलेपन का इलाज है। वक़्त दो अपनों को, परिवार को समाज को कदर करो हर रिश्ते की अकेलापन होगा ही नहीं ।
"सुनना चाहे पर सुन ना पाए, इंसान बेबस आज हुआ यहाँ है
सब होकर भी कुछ नहीं साथ है, अपनेपन से जुदा यहाँ है" #akelapan#कोराकाग़ज़#collabwithकोराकाग़ज़#विशेषप्रतियोगिता#kkpc20