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ख्यालों के बंद डिब्बो से कुछ अल्फाज़ आज निकाले हैं

ख्यालों के बंद डिब्बो से
कुछ अल्फाज़ आज निकाले हैं
थी कुछ नमी उनमे
हवा मे आज ही निकाले हैं,
कुछ उनमे सुने सुने से 
और कुछ अनसुने भी हैं
आ गयी थी उनकी याद
सो आज ही निकाले हैं,
हौसला थे वो मेरे कभी
तो कभी दर्द भी बयां करते थे
बीते वक़्त से चुप थे कँही 
सो आज ही निकाले हैं,
अधूरा मैं इनके बिना
मेरे बिन ये भी थे उदास
लगी गर्द साफ करने को
इन्हे आज ही निकाले हैं..

©Jai Pathak
  #अल्फाज़